Showing posts with label festival. Show all posts
Showing posts with label festival. Show all posts

Wednesday, 14 August 2019

राखी - कविता

राखी - कविता




रक्षा भले तुम कर न पाओ |
दर्द मुझे तुम मत देना ||
असमंजस में खड़ी बहन है |
रक्षासूत्र किसे मैं बाँधु ?
देने को कुछ पास नहीं है |
लेने को कुछ आस नहीं है ||
एहसासो के हीरे-मोती - मेरे मन भंडार भरे |
रिश्तों के गंगा-सागर में खुशियों के संसार भरे ||
सुना है मैंने श्याम हमारे |
हर सुख-दुःख में साथ खड़े ||
श्यामा के वंशीघर कर में |
राखी रब-कर में बाँधू ||
चरण-कमल में आस हमारी |
जीवन में नया अंधियारी ||
हमें उबारो है मुरलीधर |
पल-पल तेरा ध्यान धरु ||
मीरा के एहसासों को तुमने |
हर-पल है महसूस किया ||
मुझे भी तारो हे मन-मोहन |
तुझ बिन मेरा आस नहीं ||

- मेनका

Saturday, 16 February 2019

वीणा-वादिनी

वीणा-वादिनी


सुअवसर आज है सुन्दर,
जो सरस्वती माँ पधारी  है|
मनाती थी बहुत दिन से,
वही फिर भाग्य से पाई|
कनक के द्दाल में भर-भर,
मणी-मुक्ता नहीं लाई|
फूलो का हार चुन-चुनकर,
माँ अर्चना को आई हूँ|
तेरा सान्निध्य पाकर माँ,
नयन में नीर आते हैं|
कनक का दान मत दे माँ,
मुझे वाणी की अभिलाषा|
तुम्हारा प्यार पाकर माँ.
मैं अनुराग लाई हूँ|
तुम स्वीकार कर लेना,
यह पुष्पाञ्जलि मेरी|
नवाती शीश चरणों में,
धरोहर आज पाई हूँ|

- मेनका

Wednesday, 31 October 2018

छठ गीत

छठ गीत



बहुत दिवश पर कइली दीनानाथ व्रत तोहार|
दिहब  आशीष दिनकर बाबा दिहब मन-चित लगाय
बड़ा अनुरागे हम पकइली दीनानाथ भोग तोहार
करब कृपा दिनकर बाबा हम करजोरी ठाढ़|
बड़ा रे जतन से सजइली दीनानाथ हथीया तोहार
करु अब स्वीकार दिनकर बाबा सुनु अरजी हमार|

बहुत दिवश पर कइली दीनानाथ व्रत तोहार|
दिऊ न पुराय दिनकर बाबा अब आशा हमार|
बड़ा अनुरागे हम खनइली दीनानाथ घाट तोहार|
होऊ न सहाय दिनकर बाबा सुनु अरजी हमार|
बड़ा रे जतन से सजइली दीनानाथ अरग तोहार
करब कृपा दिनकर बाबा हम करजोरी ठाढ़|
बड़ा अनुरागे हम सजइली दीनानाथ डलबा तोहार|
लिऊ अब अरग दिनकर बाबा लिऊ मन-चित लगाय|
करब क्षमा छठी माता गलती अवगुण माफ़| 

छठ पूजा - गीत

छठ पूजा - गीत




आदित्य देव जी सुनु आहाँ अरजी हमार|
पहिले मंगइछी देव। ..... २ भाई भतीजा,
दिनकर बाबा यो भटकल नइहर दिअऊ न सजाय|
दोसरे मंगइछी देव सर के सेंदुरबा दिनकर
बाबा यो सुहागिन पद दिअऊ बरदान|
आदित्य देव यो सुनु आहाँ अरजी हमार|
तेसरे मंगइछी देव वंश के वैभव दिनकर
बाबा यो ऊजरल वैभव दिअऊ न बसाय|
आदित्य देव जी सुनु आहाँ अरजी हमार|
चौथा मंगइछी देव अन-धन लक्ष्मी,
दिनकर बाबा यो गरीब पद दिअऊ न छोड़ाय|
आदित्य देव जी सुनु आहाँ अरजी हमार||

Tuesday, 16 October 2018

माँ से अर्ज - गीत

माँ से अर्ज - गीत





मइया अनहोनी पर दीअऊ तनी ध्यान यो
प्राणी सब बेहाल यो न|
आहाँ के मंदिर हम गैलौं, आहाँ के शेर के समझाइलौं
मइया अनहोनी पर दीअऊ तनी ध्यान यो
प्राणी सब बेहाल यो न|
आहाँ के पाठ हम कैलौं, ब्रत सेहो हम कैलौं
मइया अनहोनी पर दीअऊ तनी ध्यान यो
प्राणी सब बेहाल यो न|
हम सब चूक कहाँ कैलौं? भूल सेहो हम कैलौं
मइया क्षमा करू सब भूल-चूक हमार यो
प्राणी सब बेहाल यो न|

- मेनका सिन्हा

Tuesday, 17 October 2017

छठ पूजा - गीत

छठ पूजा - गीत


केही देल सोने के सिंघोरबा, केही देल लाल सिंदूर|
केही देल हरे-हरे ईंखबा, केही देल हथिया कुरबार|
केही देल फूलबा के मलबा, केही देल पाकल पान|
सोनरा देल सोने के सिंघोरबा, सिंदुरिया देल लाल सिंदूर|
कोइरी देल हरे-हरे ईंखबा, कुम्हरा देल हथीया क़ुरबार|
मलीया देल फूलबा के मलबा, पनहेरी देल पाकल पान|
टूटी गेल सोने के सिंघोरबा, गिरी गेल लाल सिंदूर|
सुखी गेल हरे-हरे ईंखबा, टूटी गेल हथीया क़ुरबार|
टूटी गेल फूलबा के मलबा, सुखी गेल पाकल पान|
रूठी गेलन छठी माई परमेश्वरि, कइसे अरग दिलायब|
किनी लेब सोने के सिंघोरबा, किनी लेब लाल सिंदूर|
काटी लेब हरे-हरे ईंखबा, किनी लेब हथीया क़ुरबार|
गुँथी लेब फूलबा के मलबा, तोरी लेब पाकल पान|
बाँधी लेब पीअरी ओ, चनमा अइसे अरग दिलायब|
जलाए लेब चौमुख दीअरा, ऐसे अरग दिलायब|
मनाये लेब छठी माई परमेश्वरि, अइसे अरग दिलायब|

- मेनका

मिलिट्री मैन - कविता

मिलिट्री मैन - कविता दशक चाकरी की वीरों सा| पल-भर में क्यों अनदेख किया|| पलक झपकते दौड़ गए थे| घुटनो के बल रेंग गए थे|| भारत की माटी को हमने|...