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Saturday, 23 May 2020

माँ सरस्वती - कविता

माँ सरस्वती - कविता


माँ शारदे दे ज्ञान माँ |
भंडार दे देवत्व का ||
दे दिशा माँ तू ज्ञान को |
हम सब शरण में है पड़े ||
जब से संभाला होश है |
चरणों में हम मदहोश है ||
जीवन हमारा जंग है |
रिश्तों को पाया संग है ||
वरदान दे माँ ज्ञान का |
वैश्चिक विचार से दूर हो ||
बेटी तुम्हारी बिलख रही |
बचा ले हमारी आबरू माँ ||
दे ज्ञान माँ देवत्व का |
संतान है हम सब तुम्हारे ||
वीणा तुम्हारी वाणी को |
चहक चमन में राग दे ||
हम आस लिए पल पास में |
माँ शारदा दे ज्ञान माँ ||
तरस तिमिर में है खड़े |
सुन्दर सुनहरा भोर हो ||
माँ शारदा की शान को |
संजो के रखना मान को ||
माँ शारदे दे ज्ञान माँ |
भंडार दे देवत्व का ||

- मेनका

Saturday, 16 February 2019

वीणा-वादिनी

वीणा-वादिनी


सुअवसर आज है सुन्दर,
जो सरस्वती माँ पधारी  है|
मनाती थी बहुत दिन से,
वही फिर भाग्य से पाई|
कनक के द्दाल में भर-भर,
मणी-मुक्ता नहीं लाई|
फूलो का हार चुन-चुनकर,
माँ अर्चना को आई हूँ|
तेरा सान्निध्य पाकर माँ,
नयन में नीर आते हैं|
कनक का दान मत दे माँ,
मुझे वाणी की अभिलाषा|
तुम्हारा प्यार पाकर माँ.
मैं अनुराग लाई हूँ|
तुम स्वीकार कर लेना,
यह पुष्पाञ्जलि मेरी|
नवाती शीश चरणों में,
धरोहर आज पाई हूँ|

- मेनका

Tuesday, 16 October 2018

माँ से अर्ज - गीत

माँ से अर्ज - गीत





मइया अनहोनी पर दीअऊ तनी ध्यान यो
प्राणी सब बेहाल यो न|
आहाँ के मंदिर हम गैलौं, आहाँ के शेर के समझाइलौं
मइया अनहोनी पर दीअऊ तनी ध्यान यो
प्राणी सब बेहाल यो न|
आहाँ के पाठ हम कैलौं, ब्रत सेहो हम कैलौं
मइया अनहोनी पर दीअऊ तनी ध्यान यो
प्राणी सब बेहाल यो न|
हम सब चूक कहाँ कैलौं? भूल सेहो हम कैलौं
मइया क्षमा करू सब भूल-चूक हमार यो
प्राणी सब बेहाल यो न|

- मेनका सिन्हा

Thursday, 19 October 2017

जय श्री वैष्णो धाम - कविता

जय श्री वैष्णो धाम

वैष्णो देवी, कटरा
फैमिली वाली फीलिंग है वह दिलाती - फैमिली ...|
कर्मों की खाता संभाले मेरी माता। ... कर्मों की ... वैष्णो माता|
मानव जीवन की जज मेरी माता - मानव ... वैष्णो माता|
दुष्टों की धोखा कभी भी न सहती - दुष्टों ... वैष्णो माता|
चोरों को देती पनिशमेंट मेरी माता - चोरों ... वैष्णो माता|
फैमिली वाली फीलिंग है वो दिलाती - फैमिली ...|


भक्तों की झोली भरे मेरी माता - भक्तों ... वैष्णो माता|
करती है कृपा वो भक्तों पर दिल से - करती है  ... |
हमारी भावों को सदा वो समझती - हमारी  ... |
रहती सदा वो साथ मेरी माता - रहती  ... वैष्णो माता|
फैमिली वाली फीलिंग है वो दिलाती - फैमिली ...|

जीवन की नइया और मइया खेवैया - जीवन ... |
मइया खेवैया तो डर काहे भइया - मइया ... भइया|
माँ के चरण में है संसार मेरा - माँ के चरण ... मेरा|
धर्मों के वेला में हुआ है सवेरा - धर्मों के ... सवेरा|
फैमिली वाली फीलिंग है वो दिलाती - फैमिली ... |


सारे रिश्तों का मूल मेरी माता - सारे  ... वैष्णो माता|
सारे धर्मों का जड़ सच्चाई - सारे ... सच्चाई|
सारे धर्मों का जड़ ईमानदारी - सारे ... ईमानदारी|
धर्मों की नींव पर माँ का मंदिर - धर्मों ... मंदिर|
फैमिली वाली फीलिंग है वो दिलाती - फैमिली ... |

रहती सदा मेहरबान मेरी माता - रहती ... वैष्णो माता|
हर कष्टों का इलाज मेरी माता - हर ... वैष्णो माता|
हर खुशियों का है द्वार मेरी माता - हर ... वैष्णो माता|
हर क्षण पलों की महसूस मेरी माता ... वैष्णो माता|
फैमिली वाली फीलिंग है वो दिलाती - फैमिली ... |
हर क्षण है रखती ख्याल मेरी माता - हर क्षण ...  वैष्णो माता|
रखती है हर पल ध्यान मेरी माता ...  वैष्णो माता|


Friday, 26 May 2017

दशहरा की अधिष्ठात्री देवी - कविता

दशहरा की अधिष्ठात्री देवी - कविता


मैंने सुना है माँ दुष्टों की दुश्मन|
भारत के दुश्मन को पल में मिटा जा||
फौजों के जीवन है तेरे सहारे|
जीवन की डोर माँ तेरे हवाले||
भारत की धरती को फिर से बचा ले|
में तो आई हूँ माँ तेरे शरण में||

मैंने सुना है दुर्गे दुष्टों की दुश्मन|
भारत के दुश्मन को पल में मिटा जा||
फौजों के परिवार है तेरे सहारे|
तेरी सूरत माँ है मुझको लुभाये||
तेरा ही ध्यान माँ मुझको है भाये|
तेरी ही याद माँ मुझको सताये||

मैंने सुना है अम्बे दुष्टों की दुश्मन|
भारत के दुश्मन को पल में मिटा जा||
फौजों के परिवार है तेरे सहारे|
तेरी कृपा बिन माँ में जी सकू न||
छल और कपट न हो मेरे जीवन में|
झूट की छाया पड़े नहीं मुझ पर||

मैंने सुना है माँ दुष्टों की दुश्मन|
भारत के दुश्मन को पल में मिटा जा||
फौजों के जीवन है तेरे सहारे|
तेरा ही अटूट भक्त भारत के मालिक||
भारत की लाज माँ तेरे चरण में|
क्षण में संहार को भारत का दुश्मन||

- मेनका

Tuesday, 7 June 2016

मेरी माँ से ऊपर एक माँ - कविता

मेरी माँ से ऊपर एक माँ - कविता


ओ माँ मेरी माँ -  ओ माँ मेरी माँ।

कही विराजे ज्वाला जी माँ, कही विराजे काली। 
हाथों में हथियार लिए माँ दुष्टों से है बचाती॥

ओ माँ मेरी माँ -  ओ माँ मेरी माँ।

कही खड़ी माँ चण्डी बनकर, कही बानी चामुण्डा।
कण - कण में है वास करे तू, भक्तों को है संभाला॥

ओ माँ मेरी माँ -  ओ माँ मेरी माँ।

कही सजी माँ नैना बनकर, कही सजी माँ वैष्णो।
भक्तों की तू झोली भरती, देती है तू दुआएँ॥

ओ माँ मेरी माँ -  ओ माँ मेरी माँ।

कही खड़ी माँ दुर्गा बनकर, कही बनी माँ लक्ष्मी।
भक्त पुकारे आर्त भाव से - हे माँ मुझे बचाओ॥

ओ माँ मेरी माँ -  ओ माँ मेरी माँ।

- मेनका

मिलिट्री मैन - कविता

मिलिट्री मैन - कविता दशक चाकरी की वीरों सा| पल-भर में क्यों अनदेख किया|| पलक झपकते दौड़ गए थे| घुटनो के बल रेंग गए थे|| भारत की माटी को हमने|...