आधूनिकता के बटन - कविता
आधूनिकता का बटन दबाया|
मानवता क्यों छोड़ दिया||
बटन भरोसे लाखों मानव|
मानवता क्यों छोड़ दिया||
मानव की खाली जगहों को|
बटन भरोसे छोड़ दिया||
तिनका-तिनका जोड़ा जिसने|
पल भर में जीवन छोड़ दिया||
मानव की खाली जगहों को|
पैसों से क्यों तौल दिया||
आहे चीख पुकारे उनकी
काश सुनी तुमने होती||
मानव की खाली जगहों को|
मानव से होती भरी तुमने||
आधूनिकता का बटन दबाया|
मानवता क्यों छोड़ दिया||
- मेनका सिन्हा
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