Monday 5 June 2023

आधूनिकता के बटन - कविता

 आधूनिकता के बटन - कविता


आधूनिकता का बटन दबाया|
मानवता क्यों छोड़ दिया||

बटन भरोसे लाखों मानव|
मानवता क्यों छोड़ दिया||

मानव की खाली जगहों को|
बटन भरोसे छोड़ दिया||

तिनका-तिनका जोड़ा जिसने|
पल भर में जीवन छोड़ दिया||

मानव की खाली जगहों को|
पैसों से क्यों तौल दिया||

आहे चीख पुकारे उनकी
काश सुनी तुमने होती||

मानव की खाली जगहों को|
मानव से होती भरी तुमने||

आधूनिकता का बटन दबाया|
मानवता क्यों छोड़ दिया||

- मेनका सिन्हा

No comments:

Post a Comment

मिलिट्री मैन - कविता

मिलिट्री मैन - कविता दशक चाकरी की वीरों सा| पल-भर में क्यों अनदेख किया|| पलक झपकते दौड़ गए थे| घुटनो के बल रेंग गए थे|| भारत की माटी को हमने|...