वंश का वैभव (१८ अगस्त) - कविता
भाद्र माह मन भावन आया|
त्योहारों की खुशियाँ लाया||
बना वंश वैभव संरक्षक|
जन्मदिन की खुशियाँ लाया||
मम्मी की आँखों का तारा|
मम्मी की आँखों का तारा|
पापा का है राज दुलारा||
बना बहन का रक्षक आया|
बाबा का वंशज बन आया||
भाद्र माह मन भावन आया|
भाई बहन का उत्सव आया||
बना बहन का रक्षक आया|
बाबा का वंशज बन आया||
भाद्र माह मन भावन आया|
भाई बहन का उत्सव आया||
आज़ादी अधिकार महोत्सव|
उत्सव की धुन सुनकर आया||
भारत के भावों का प्यारा|
पापा के प्राणों से प्यारा||
वृन्दावन की छटा निराली|
जन्म लिये है वृज बिहारी||
मथुरा में मन मोहन की धुन|
बना भक्त बन सुनने आया||
भाद्र माह अति सुन्दर आया|
कृष्ण जन्म खुशियां लाया||
भाद्र माह मन भावन आया|
गणेश चतुर्थी घर-घर आये||
हरियाली है तीज सुहाये|
पारवती संग सखियाँ भावे||
शीव-शम्मू का ब्रत अति सुन्दर|
हरियाली छवि छटा सुहाये||
भाद्र मॉस पूर्णमासी के दिन|
आनन्द कन्द ब्रत मन मोहे सबको||
भाद्र माह मन भावन आया|
त्योहारों की खुशियाँ लाया||
- मेनका
No comments:
Post a Comment