Monday, 28 March 2016

पुछथीन चन्द्रमा बहीनी सुरज भइया से बतीया - छठ के गीत ८७

पुछथीन चन्द्रमा बहीनी सुरज भइया से बतीया - छठ के गीत ८७

पुछथीन चन्द्रमा बहीनी सुरज भइया से बतीया।
कहँमा लागल हो भइया एहो अति देरिया।
बाटे भेटल गे बहीना बाझीन तीरियबा।
पुत्र देअइते गे बहीन लागल अति देरिया।


हरि के कार्तिक महिनमा बड़ा सुदिनमा हे हरि - छठ के गीत ८४

हरि  के कार्तिक महिनमा बड़ा सुदिनमा हे हरि - छठ के गीत ८४

हरि  के कार्तिक महिनमा बड़ा सुदिनमा हे हरि।
हरि  हे छठी मईयां अयलन पहुनमा हे हरि।
हरि हे गाँव के बाहर बसे एक डोम्बा हे हरि।
हरि रे हरे बाँस डलबा बिनायब हे हरि।
हरि हे डालाबा में केलबा चढ़ायाब हे हरि।
हरि हे औहे लय छठी मईया के चढायब हे हरि।

Sunday, 27 March 2016

अलीया ही गलीया घुमे कोटवलबा - छठ के गीत २२

अलीया ही गलीया घुमे कोटवलबा - छठ के गीत २२

अलीया ही गलीया घुमे कोटवलबा।
बाबा के फरमाइस भेलइ जौड़े रे दऊरबा।
सेहे सुनी डोमबा के बेटबा तेजले परनमा।
कहमें से लवई माई हे जौड़े रे दऊरबा।
तोहरा के देबऊ रे डोमबा गोदी भरी बलकवा।

Saturday, 26 March 2016

सुतल रहली हो दीनानाथ मुनहर घर - छठ के गीत ८२

सुतल रहली हो दीनानाथ मुनहर घर - छठ के गीत ८२

सुतल रहली हो दीनानाथ मुनहर घर।
सपना जे देखली हो दीनानाथ तोहरो एवरुर।
झूठे तोहर बोलीया गे बाझीन झूठे तोहर बात।
झुनकी खरऊँआ हो दीनानाथ बाझीन द्वार।
सच्चे तोहर बोलीया गे बाझीन सच्चे तोहर बात।
जे कुछ मेंगबे गे बाझीन से कुछ मांग।
अन-अन लक्ष्मी हो दीनानाथ दिहली बहुत।
एकेगो पुत्र बीनु हे सुन संसार।
देबे केत देवऊ गे बाझीन गजाघर अइसन पुत्र।
गर्व जानी करबे गे बाझीन सेहो लेबऊ छीन।।


 

Thursday, 24 March 2016

केलबा मंगईली शहर से बालक दिहल जुठाय - छठ के गीत ८१

केलबा मंगईली शहर से  बालक दिहल जुठाय - छठ के गीत ८१

उजे  केलबा मंगईली शहर से  बालक दिहल जुठाय।
उजे तिरिया जे रोवले वियोग से अर्ग दिहलो न जाय ।
उजे छठी मइया बोलथीन गर्व से अर्ग हमें लेबो तोहार ।
उजे हमरो दिहल सुन्दर बालक अवगुण करब् माफ ।

उजे नारियल मंगईली शहर से बालक दिहल ...

मिलिट्री मैन - कविता

मिलिट्री मैन - कविता दशक चाकरी की वीरों सा| पल-भर में क्यों अनदेख किया|| पलक झपकते दौड़ गए थे| घुटनो के बल रेंग गए थे|| भारत की माटी को हमने|...