१८ अगस्त - कविता
जन्मतिथि शुभ अवसर आया,
माँ के हाथ का तोहफा लाया|
सावन की रिमझिम है सुन्दर,
शंकर की डमरू की धुन है|
मना रहा है देश हमारा,
जश्न भारत वर्ष का|
हौसला है लाल माँ का,
बुलंदियाँ है बाप का|
तहजीब है यह देश का.
शान है परिवार का|
गुरुर है मानव धर्म का,
आदर्श भारत वर्ष का|
आरज़ू है माँ से मेरी,
लाज रखना मेरे लाल की|
छूने न पाये गम लबों का.
आशीष दो मेरे ला को|
अमर घूमर खुशियों के बादल,
बरसती रहे यूँ उम्र भर|
- मेनका
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