नारी जाग्रति दिवस - कविता
नारी से ही नर सम्बल है |
सम्बल है भाई-भाई ||
सीमा सुरक्षित नारी शक्ति |
हम सबकी भरपाई ||
छोटी सोच बड़ा कर देखो |
बहन बेटी है प्यारी ||
रंगोली के रंग अनोखें |
गुन-गुन करती रागें ||
शृष्टि की बुनियाद हमारी |
नारी में है समायी ||
शिक्षा सर्व समर्पित देखो |
जग जननी है प्यारी ||
नारी से ही नर सम्बल है |
सम्बल है भाई-भाई ||
- मेनका
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