आशा की बाती - कविता
प्रज्वलित करे हम दीप लौ की |
हम सब मिल-जुल दिया जलाये ||
करोना के इस विश्व संग्राम में |
असुरी शक्ति का दफन करेंगे ||
माँ शक्ति से विनय करेंगे |
नव दुर्गा का ध्यान करेंगे ||
प्रज्वलित दीप का मान करेंगे |
समय सीमा के अन्तर्मन में ||
दूर खड़े हम साथ बसे है |
गलत न हो गणतव्य हमारा ||
प्रज्वलित करे हम दीप लौ की |
- मेनका
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