माँ सरस्वती - कविता
माँ शारदे दे ज्ञान माँ |
भंडार दे देवत्व का ||
दे दिशा माँ तू ज्ञान को |
हम सब शरण में है पड़े ||
जब से संभाला होश है |
चरणों में हम मदहोश है ||
जीवन हमारा जंग है |
रिश्तों को पाया संग है ||
वरदान दे माँ ज्ञान का |
वैश्चिक विचार से दूर हो ||
बेटी तुम्हारी बिलख रही |
बचा ले हमारी आबरू माँ ||
दे ज्ञान माँ देवत्व का |
संतान है हम सब तुम्हारे ||
वीणा तुम्हारी वाणी को |
चहक चमन में राग दे ||
हम आस लिए पल पास में |
माँ शारदा दे ज्ञान माँ ||
तरस तिमिर में है खड़े |
सुन्दर सुनहरा भोर हो ||
माँ शारदा की शान को |
संजो के रखना मान को ||
माँ शारदे दे ज्ञान माँ |
भंडार दे देवत्व का ||
- मेनका
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